नैनीताल ::- ऊर्जा मंत्रालय के अधीन ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी द्वारा प्रत्येक वर्ष 14 दिसंबर को पूरे देश में राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन लोगों के बीच ऊर्जा संरक्षण और ऊर्जा दक्षता के महत्व के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन शमन के प्रयासों के लिए जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है।
विद्युत मंत्रालय भारत सरकार ने 1991 में एक योजना शुरू की जो ऐसे उद्योगों और प्रतिष्ठानों को पुरस्कार देकर राष्ट्रीय मान्यता प्रदान करती है। जिन्होंने उत्पादन को बनाए रखते हुए ऊर्जा की खपत को कम करने के लिए विशेष प्रयास किए हैं। यह पुरस्कार पहली बार 14 दिसंबर1991 को दिया गया था, जिसे ‘राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस’ के रूप में घोषित किया गया था। ये पुरस्कार प्रत्येक वर्ष 14 दिसंबर को आयोजित एक समारोह में भारत सरकार के उच्च पदों पर आसीन गणमान्य व्यक्तियों द्वारा दिए जाते हैं।
ऊर्जा दक्षता ब्यूरो एक संवैधानिक निकाय है जो भारत सरकार के अंतर्गत आता है और ऊर्जा उपयोग को कम करने के लिए नीतियों और रणनीतियों के विकास में मदद करता है। भारत में ऊर्जा संरक्षण अधिनियम को वर्ष 2001 में ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी (BEE) द्वारा निष्पादित किया गया था।
ऊर्जा संरक्षण का सही अर्थ ऊर्जा के अनावश्यक उपयोग से बचते हुए कम-से-कम ऊर्जा का उपयोग करना है ताकि भविष्य में उपयोग हेतु ऊर्जा के स्रोतों को बचाया जा सके। ऊर्जा संरक्षण की योजना को अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए हर इंसान को अपने व्यवहार में ऊर्जा संरक्षण को शामिल करना चाहिए। भारत में ऊर्जा संरक्षण अधिनियम वर्ष 2001 में ऊर्जा दक्षता ब्यूरो द्वारा लागू किया गया था।