गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने के बयान पर हरीश रावत की घर और बाहर दोनों जगह घेराबंदी शुरू हो गई है। इस मामले में कांग्रेस के नेताओं से लेकर भाजपा सरकार के मंत्री तक उन्हें आड़े हाथ लेने लगे हैं। खास बात यह है कि हरदा पर हमला करने वाले यह वह नेता हैं जो उनके मुख्यमंत्री रहते हुए उनके साथ काम कर चुके हैं।
अक्सर अपने राजनीतिक बयानों से हरीश रावत दूसरे नेताओं को असहज करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत इस बार स्थायी राजधानी के बयान पर कई नेताओं के निशाने पर आ गए हैं। दरअसल हरीश रावत ने सार्वजनिक रूप से कांग्रेस की सरकार आने पर गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने की बात कही है। यह बयान आने के बाद हरीश रावत को न केवल विपक्षी दलों ने बल्कि उनके घर में भी उनकी घेराबंदी शुरू हो गई है। इस मामले में अब उनसे सवाल भी किया जा रहे हैं और उन पर तीखे प्रहार भी हो रहे हैं। धामी सरकार में मंत्री सुबोध उनियाल ने हरीश रावत पर कड़ा प्रहार किया है। सुबोध उनियाल ने कहा कि अब उनके बयान से उनकी ढलती उम्र का अनुमान आसानी से लगने लगा है। सुबोध उनियाल ने कहा कि हरीश रावत कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री रहे थे. उस दौरान उन्होंने गैरसैंण को लेकर क्यों कोई निर्णय नहीं लिया ? उन्हें बताना चाहिए। सुबोध उनियाल ने यह भी कहा कि हरीश रावत को अब अपनी उम्र के चलते संन्यास ले लेना चाहिए और ऐसे मामलों पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। इस मामले में भाजपा के नेता तो हरीश रावत को आड़े हाथ ले ही रहे हैं। कांग्रेस में भी उनके घर के लोग उन पर कटाक्ष कर रहे हैं।