बेंगलुरु. कर्नाटक में कांग्रेस विधायक दल का नेता यानी अगला मुख्यमंत्री चुनने को लेकर अब तक मंथन का दौर जारी है. यहां नवनिर्वाचित विधायकों की राय जानने के बाद तीनों पर्यवेक्षकों ने सोमवार को पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की और ऐसे में पूरी निगाहें पार्टी आलाकमान पर टिक गई हैं. कांग्रेस से जुड़े शीर्ष सूत्रों ने News18 के मुताबिक अधिकतर विधायक सिद्धारमैया के पक्ष में हैं और ऐसे में जल्द ही उन्हें मुख्यमंत्री बनाए जाने की घोषणा की जा सकती है.
दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कर्नाटक में कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) का नेता चुनने के लिए वरिष्ठ नेता सुशील कुमार शिंदे, जितेंद्र सिंह और दीपक बाबरिया को पर्यवेक्षक नियुक्त किया था. तीनों पर्यवेक्षकों ने पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों से अलग-अलग बातकर उनकी राय जानी थी. ये तीनों पर्यवेक्षक सोमवार शाम खड़गे के आवास पर पहुंचे और अपनी रिपोर्ट सौंप दी.
सूत्रों ने बताया कि खड़गे फिलहाल कर्नाटक कांग्रेस के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला के साथ बैठक कर रहे हैं. इसके बाद वह राहुल गांधी और सोनिया गांधी के साथ विचार-विमर्श करके फैसला लेंगे. ऐसे में अगले 24 घंटे में मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा हो सकती है.
इस बीच, पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया आज दिन में दिल्ली पहुंच गए और उनके भी खड़गे से मुलाकात करने की संभावना है. कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस के कमेटी अध्यक्ष डी के शिवकुमार भी सोमवार को दिल्ली आने वाले थे, लेकिन पेट में संक्रमण का हवाला देते हुए उन्होंने अपनी प्रस्तावित यात्रा रद्द कर दी. ये दोनों नेता मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. शिवकुमार ने बेंगलुरु में कहा कि कांग्रेस के 135 नवनिर्वाचित विधायक उनकी ताकत हैं. हालांकि इसके बाद उन्होंने कहा, मेरे पास कोई विधायक नहीं है. मैंने पार्टी आलाकमान पर फैसला छोड़ दिया है.’
इससे पहले तीनों पर्यवेक्षकों ने बेंगलुरु के एक निजी होटल में रविवार रात कई घंटे तक विधायकों के साथ बातचीत की और अगले मुख्यमंत्री को लेकर गोपनीय मतदान भी कराया गया है. विधायकों की राय जानने के लिए बेंगलुरु भेजे गए पार्टी के तीनों पर्यवेक्षक सोमवार को दिल्ली लौट आए. विधायकों की राय जानने के लिए गोपनीय मतदान भी कराया गया है.
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि कुछ विधायकों ने विधायक दल की बैठक के दौरान पर्यवेक्षकों के साथ मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री पद को लेकर अपनी पसंद बताई, हालांकि विधायक सबके सामने अपनी पसंद बताने में झिझक रहे थे, जिसके बाद उन्हें लिखित रूप से अपनी राय बताने के लिए कहा गया. एक विधायक ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर बताया, ‘सिद्धरमैया और शिवकुमार तथा किसी अन्य नेता को चुनना था या फिर निर्णय आलाकमान पर छोड़ना था. यह एक तरह से गोपनीय मतदान था.’
कहा जा रहा है कि विधायकों का एक धड़ा नेता चुनने के लिए हाथ उठाकर फैसला करने के पक्ष में था, लेकिन पार्टी ने ऐसा फैसला नहीं किया, क्योंकि इससे सरेआम विभाजन की स्थिति पैदा हो जाती. पता चला है कि सिद्धरमैया ने इस बात पर जोर दिया कि पार्टी की ओर से विधायक दल का नया नेता चुनने से पहले सभी विधायकों की राय ली जाए.
गौरतलब है कि कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की रविवार शाम बेंगलुरु के एक निजी होटल में हुई बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर पार्टी अध्यक्ष को विधायक दल का नेता चुनने का अधिकार दिया गया, जो कर्नाटक का अगला मुख्यमंत्री बनेगा. राज्य में 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए 10 मई को हुए चुनाव में कांग्रेस ने शानदार जीत हासिल करते हुए 135 सीट अपने नाम कीं, जबकि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा नीत जनता दल (सेक्युलर) ने क्रमश: 66 और 19 सीट जीतीं. (भाषा इनपुट के साथ)