गोरखपुर में शाइस्ता परवीन के समर्थन में धरने पर बैठे 58 साल के बुजुर्ग, कहा भय के कारण दर-दर भटक रही है, यह उचित नही है!

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गोरखपुर: अतीक अहमद के हत्याकांड के बाद से उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन की तलाश तेज हो गई है. जिस वक्त अतीक को दफनाया जा रहा था उस वक्त अफवाह उड़ी थी कि शाइस्ता भी वहां पर पहुंची थी. मगर, बाद में यह खबर अफवाह साबित हुई. दो दिन पहले भी शाइस्ता के सरेंडर करने की बात सामने आ रही थी, लेकिन वह भी खोखली साबित हुई. पुलिस का कहना है कि शाइस्ता लगातार अपनी लोकेशन बदल रही है.

इधर, गोरखपुर में शाइस्ता परवीन के समर्थन में पीएचडी होल्डर 58 साल के बुजुर्ग धरने पर बैठे हुए हैं. उनका कहना है, ”शाइस्ता को बेवजह परेशान नहीं किया जाए.” धरने पर बैठे बुजुर्ग का नाम संपूर्णानन्द मल्ल है. उनका कहना है कि अतीक के परिवार को परेशान नहीं किया जाना चाहिए, अतीक की पत्नी शाइस्ता भय के कारण दर-दर भटक रही है, यह उचित नहीं है.

शाइस्ता की तलाश क्यों ?
दिल्ली यूनिवर्सिटी से आर्कियोलाजी में पीएचडी करने वाले डॉ. संपूर्णानंद मल्ल ने गोरखपुर विश्वविद्यालय में छह साल तक बतौर प्रोफेसर काम किया है. वह गोरखपुर स्थित टाउन हॉल पर गांधी प्रतिमा के नीचे तीन सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. हाथ में ”शाइस्ता की तलाश क्यों” लिखी हुई तख्ती और तिरंगा लेकर धरने पर बैठे प्रोफेसर ने हमारे सहयोगी से बात करते हुए कहा, ”कोई महिला इस तरह मारी-मारी फिर रही, यह हम सबके लिए एक कलंक की बात है.”

प्रोफेसर मल्ल का कहना है कि सरकार को अतीक अहमद के परिवार को बेवजह परेशान नहीं करना चाहिए. कानूनी का पालन होना चाहिए. शाइस्ता को जिस तरह पुलिस परेशान कर रही हैं वह उचित नहीं है. मैं सरकार और प्रशासन से मांग करता हूं की कानून के दायरे में रहकर कार्रवाई की जाए.

पटना में लगे थे अतीक अहमद के समर्थन में नारे
21 अप्रैल को जुमे की नमाज के बाद बिहार के पटना में माफिया अतीक अहमद के समर्थन में नारेबाजी की गई थी. लोगों ने ‘अतीक अहमद अमर रहे’ के नारे लगाए थे. इसमें एक शख्स था रईस गजनवी. उसने पटना की जामा मस्जिद के बाहर नारेबाजी की थी. इस दौरान लोगों ने अतीक और अशरफ को शहीद बताया और कहा कि दोनों को प्लानिंग के तहत मारा गया है. इस घटना के बाद जामा मस्जिद के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है.

कांग्रेस के पार्षद प्रत्याशी ने बताया था शहीद
प्रयागराज से कांग्रेस के पार्षद प्रत्याशी राजकुमार उर्फ रज्जू भैया ने अतीक हत्याकांड के बाद उसकी कब्र पर तिरंगा रखते हुए उसे शहीद बताया था. इस घटना के बाद धूमनगंज थाने के चौकी प्रभारी ने राजकुमार के खिलाफ केस दर्ज कराया था. इतना ही नहीं कांग्रेस उम्मीदवार ने अतीक अहमद को भारत रत्न दिए जाने की मांग भी कर डाली थी. राजकुमार ने अतीक की कब्र पर तिरंगा ओढ़ाकर सलामी भी दी थी. वायरल वीडियो में राजकुमार यह कहता दिखाई दिया था कि वह अतीक को शहीद का दर्जा दिलाएगा. वीडियो के वायरल होते ही पार्टी ने उसे 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया था.Live TV


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