उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने वाले रेस्क्यू ऑपरेशन पर पूरे देश की नजरें लगी हुई हैं। अभी तक 49 मीटर ड्रलिंग पूरी कर ली गई है। टनल में 9वां पाइप ड्रिल किया जा रहा है। उम्मीद है कि 10 वें पाइप में रेस्क्यू टीम को ब्रेक थ्रू मिल जाएगा।
पीएमओ के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे जिन्होंने 18 नवंबर से सिलक्यारा टनल रेस्क्यू स्थल पर डेरा डाला हुआ है का कहना है कि आज 11.30 बजे तक ड्रिलिंग शुरू कर दी जाएगी। इसके बाद तय समय पर ड्रिलिंग शुरू हो गई। खुल्बे ने बताया कि ग्राउंड पेनेट्रेशन रडार अध्ययन से पता चला है कि सुरंग के अंदर अगले 5 मीटर तक कोई अवरोध नहीं है यानी 52 मीटर तक आसानी से पहुंचा जाएगा। उन्होंने बताया कि क्योंकि पाइप का मुंह पिचक गया है इसलिए दो मीटर पीछे हो गए हैं और 46 मीटर से काम शुरू होगा। भास्कर खुल्बे ने कहा कि स्थिति अब पहले से काफी बेहतर है। गुरुवार रात हमें दो चीजों पर काम करना था। पहला हमें मशीन के प्लेटफॉर्म को नया रूप देना था। दरअसल गुरुवार को अमेरिकन ऑगर मशीन का प्लेटफॉर्म ढह गया था। अब इस प्लेटफॉर्म को नया रूप देकर काम के लिए तैयार कर लिया गया है। दूसरा पार्सन्स कंपनी ने ग्राउंड पेनेट्रेशन रडार का काम किया था. इससे हमें पता चला कि अगले 5 मीटर तक सुरंग के रास्ते में कोई धातु अवरोध नहीं है। इसका मतलब है कि हमारी ड्रिलिंग सुचारू होनी चाहिए। जब हम मलबा निकाल रहे थे तो हमें दो टूटे हुए पाइप मिले हैं। दरअसल गुरुवार रात जब उत्तरकाशी टनल में रेस्क्यू कार्य अपने आखिरी चरण की ओर बढ़ रहा था तो अचानक बीच में स्टील पाइप आ गई थी। उसने ड्रिलिंग का काम रोक दिया था। फिर उस पाइप को काटकर हटाना पड़ा था। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह (सेवानिवृत्त) भी रेस्क्यू स्थल सिलक्यारा टनल पहुंच चुके हैं। यहीं पर पिछले 13 दिन से टनल में फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए राहत और बचाव अभियान चल रहा है। जनरल वीके सिंह गुरुवार से ही उत्तरकाशी में हैं. वहीं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार से रेस्क्यू स्थल पर ही डेरा जमाया हुआ है। सीएम समय-समय पर सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों से भी बात कर रहे हैं। उनको आश्वस्त कर रहे हैं कि जल्द उनका सुरक्षित रेस्क्यू होने वाला है।