नैनीताल ::-बढ़ते दौर में बच्चों के आँखो में रोशनी कम होते जा रही है कम उम्र में चश्मा लग रहा है जों आज के समय में स्मार्टफोन मोबाइल,टैब,कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की स्क्रीन अत्यधिक ऊर्जा वाली कम वेवलेंथ की नीली और बैंगनी रोशनी उत्पन्न करती है। यह रोशनी आँखो को अत्यधिक प्रभावित करती है। छोटी उम्र से ही बच्चों की आंखों पर अत्यधिक दबाव पड़ने लगता है और धीरे धीरे से आंखों पर इसका बुरा असर होने लगता है।
आंखें शरीर का सबसे अहम हिस्सा होता है जिसकी देखभाल करना बहुत आवश्यक है। प्रदूषण,टीवी,कंप्यूटर, मोबाइल उपयोग करने पर इससे निकलने वाली किरणों का प्रभाव आंखों पर पड़ता है। जिस वजह से आंखों की रोशनी कम होने लगी है और चश्मा लगाने की जरूरत पड़ जाती है।
कंप्यूटर से निकलने वाली हानिकारक किरणों के कारण ऑंखें एवं गलत तरीके से बैठने की आदत पड़ जाती है जिससे पीठ,कमर, पैर आदि कई शरीर के अंग दर्द की चपेट में आ जाते है। अनिंद्रा,स्ट्रेस,उच्च-रक्तचाप,मोटापा जैसी कई गंभीर समस्या भी एक ही जगह लगातार बैठ कर काम करने की आदत से उत्पन्न होती है।
आंखों की समस्या को दूर करने के लिए खाने में विटामिन, विटामिन सी की भरपूर मात्रा में लेना चाहिए। आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए कुछ एक्सरसाइज रोज करनी चाहिए। पर्याप्त नींद और आंखों को आराम देना भी जरूरी है।