दो वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में हार के बाद भारतीय क्रिकेट टीम को अगले टेस्ट कप्तान का इंतजार, आश्विन- जडेजा विकल्प लेकिन ये है असमंजस

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दिल्ली: दो वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल और दोनों में टीम इंडिया को हार मिली. अब WTC की तीसरी साइकिल (2023-25) शुरू हो चुकी है, जिसका फाइनल 2025 में लॉर्ड्स में खेला जाएगा. नई WTC Cycle के तहत भारत को पहली टेस्ट सीरीज जुलाई में वेस्टइंडीज से खेलनी है. लेकिन, टीम इंडिया के सामने WTC की तीसरी साइकिल में कई बड़ी चुनौतियां हैं. इसमें से सबसे बड़ी स्पिन गेंदबाजों का अभाव. रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा 2025 तक टेस्ट क्रिकेट खेले ऐसा मुश्किल दिखता है. क्योंकि अगले 2 साल में अश्विन 38और जडेजा 36 साल के हो जाएंगे. दोनों घुटने की चोट से परेशान रहे हैं. ऐसे में सवाल ये है कि अगर अश्विन-जडेजा ने अचानक ही टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया तो क्या भारत के पास इनके विकल्प हैं और अगर हैं, तो वो से गेंदबाज हैं?

आर अश्विन-रवींद्र जडेजा की स्पिन जोड़ी ने टेस्ट क्रिकेट में भारत के लिए बीते कुछ सालों में शानदार प्रदर्शन किया है. पिछली WTC साइकिल (2021-23) में अगर भारत फाइनल में पहुंचा तो इन दोनों गेंदबाजों के बदौलत ही हुआ. अश्विन सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाजों की लिस्ट में तीसरे स्थान पर रहे थे. उन्होंने 13 टेस्ट में 19.67 की औसत से 61 विकेट लिए थे. वहीं, रवींद्र जडेजा पिछली वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में भारत के लिए सबसे अधिक विकेट लेने वाले दूसरे गेंदबाज थे. उन्होंने 13 टेस्ट में 47 विकेट लिए थे.

 

ऐसा नहीं है कि अश्विन और जडेजा टेस्ट क्रिकेट में सिर्फ विकेट लेने का ही काम कर रहे. बीते कुछ सालों में मौका पड़ने पर इन दोनों ही खिलाड़ियों ने बल्ले से भी अपना कम दिखाया है. पिछली WTC Cycle में जडेजा ने 13 टेस्ट में 36 की औसत से 721 रन बनाए. जडेजा ने 2 शतक और तीन अर्धशतक भी लगाए. वो औसत और शतक के मामले में विराट से भी आगे रहे. अश्विन ने भी 13 टेस्ट में 444 रन बनाए. उन्होंने 2 अर्धशतक भी लगाए.

 

इन आंकड़ों से समझा जा सकता है कि अश्विन-जडेजा की स्पिन जोड़ी भारत के लिए कितनी अहम है. लेकिन, दोनों की उम्र अब ढल रही है. रवींद्र जडेजा ने तो पिछले साल सितंबर में घुटने की सर्जरी करवाई थी. वो फिलहाल 34 साल के हैं. इस सर्जरी के बाद उन्हें भी लगा था कि क्या वो अब टेस्ट क्रिकेट में लंबा स्पैल कर सकेंगे. वहीं, अश्विन का भी यही हाल है. लॉर्ड्स में जब 2025 में अगली WTC Cycle का फाइनल खेला जाएगा तो अश्विन की उम्र 38 साल हो चुकी है. वो तबतक शायद ही क्रिकेट खेले.

 

अश्विन ने हाल ही में ये खुलासा किया था कि पिछले दिसंबर में बांग्लादेश दौरे पर घुटने में दर्द की वजह से वो इतने डर गए थे कि उन्हें लगने लगा था कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू टेस्ट उनकी आखिरी सीरीज हो सकती है. उन्होंने घुटने के दर्द से राहत पाने के लिए अपने एक्शन में दलाव किया था और रवींद्र जडेजा के साथ संयुक्त रूप से बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में प्लेयर ऑफ द सीरीज चुने गए थे. यानी एक बात तो साफ है कि अब अश्विन का अब टेस्ट करियर बहुत लंबा नहीं रहने वाला. ऐसे में सवाल ये है कि उनके बाद कौन टेस्ट क्रिकेट में स्पिन गेंदबाजी आक्रमण की कमान संभालेगा?

 

भारत के लिए अच्छी बात ये है कि रवींद्र जडेजा के विकल्प के रूप में अक्षर पटेल तैयार हैं. अक्षर भी रवींद्र की तरह बाएं हाथ से गेंदबाजी करते हैं और घर में उनका टेस्ट रिकॉर्ड बेहद शानदार है. वो निचले क्रम में अच्छी बैटिंग भी करते हैं. यानी जडेजा के संन्यास लेने की सूरत में वो उनका रिप्लेसमेंट बन सकते हैं. अक्षर पटेल ने पिछली WTC Cycle में इसे साबित भी किया था. उन्होंने 9 टेस्ट में 45 की औसत से 458 रन बनाए थे. 4 अर्धशतक ठोके थे. इसके अलावा 23 विकेट भी लिए थे. यानी गेंद और बल्ले दोनों से अक्षर जडेजा की भरपाई कर सकते हैं.

 

ऑफ स्पिनर अश्विन का रिप्लेसमेंट कौन होगा? ये बड़ा सिरदर्द है. पिछली वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप साइकिल में भारत की तरफ से तीन स्पिन गेंदबाजों ने ही सबसे अधिक टेस्ट खेले. इसमें अश्विन-जडेजा ने 13-13 और अक्षर पटेल ने 9 मैच खेले. इसके अलावा जयंत यादव ने 2 और कुलदीप यादव ने 1 ही टेस्ट खेला. यानी भारत ने भविष्य के लिहाज से स्पिन गेंदबाज तैयार करने की दिशा में काम ही नहीं किया है.

 

ये अलग बात है कि कुलदीप यादव, सौरभ कुमार और राहुल चाहर जैसे स्पिन गेंदबाज इंडिया-ए की तरफ से लगातार खेल रहे हैं और टीम इंडिया का भी हिस्सा रहे हैं. लेकिन, पिछले 2 साल में किसी को भी टेस्ट खेलने के मौके ही नहीं मिले. ऐसे में क्या ये स्पिन गेंदबाज भविष्य में टीम इंडिया के स्पिन आक्रमण की कमान संभाल सकेंगे.

इनके अलावा भी कई और स्पिन गेंदबाज हैं, जो घरेलू क्रिकेट और आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. इसमें रवि बिश्नोई, वरुण चक्रवर्ती, शम्स मुलानी जैसे गेंदबाज शामिल हैं. केरल के ऑलराउंडर जलज सक्सेना भी हैं. जो ऑफ स्पिनर हैं. लेकिन, उनकी उम्र 36 साल हो चुकी है. ऐसे में वो भारतीय स्पिन गेंदबाजी आक्रमण का भविष्य नहीं हो सकते हैं.

शम्स ने रणजी ट्रॉफी के 7 टेस्ट में जरूर 46 विकेट झटके थे. वो एक विकल्प हो सकते हैं. लेकिन, वो बाएं हाथ के गेंदबाज हैं. ऐसे में अश्विन के विकल्प के रूप में अगर कोई ऑफ स्पिनर देखें तो जयंत यादव ही नजर आ रहे हैं. उनकी उम्र भी 33 साल हो गए है. हालांकि, वो कुछ साल टेस्ट क्रिकेट खेल सकते हैं. उन्होंने भारत के लिए 6 टेस्ट में 16 विकेट लिए हैं.


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