देखिये कहां शिक्षा मंत्री के खिलाफ दी गई तहरीर और क्यों।

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आपको बता दें कि तीन माह बाद भी सरकारी विद्यालयों में पाठ्य पुस्तकें शत-प्रतिशत नहीं आने से नाराज विकासखंड मुनस्यारी के जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने प्रदेश के शिक्षा मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए पुलिस अधीक्षक को आज ई-मेल से तहरीर भेजी है।
 उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस तरह का गंभीर कृत्य बार-बार दोहराया जा रहा है।जिससे सरकारी स्कूल के अध्ययनरत विद्यार्थियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। उत्तराखंड में आज के दिन भी सरकारी विद्यालयों में 50 प्रतिशत पुस्तके नहीं पहुंच पाई है। शिक्षा सत्र एक अप्रैल से प्रारंभ हो गया है शिक्षा सत्र के प्रारंभ होने के तीन माह बाद 50 से 60 प्रतिशत ही पुस्तकें विद्यालयों में पहुंच आई है। विद्यालयों में पुस्तकें नहीं पहुंचने से अध्ययनरत विद्यार्थियों को पठन-पाठन में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने कहा कि पुस्तकें न पहुंचना शिक्षा विभाग की लापरवाही का एक गंभीर उदाहरण है, जो अपराध की श्रेणी में आता है। उन्होंने कहा कि मेरे जिला पंचायत निर्वाचन क्षेत्र की भी यही स्थिति है। उन्होंने कहा कि इसके लिए शिक्षा विभाग के मुखिया प्रदेश के शिक्षा मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत के दोषी है। उन्होंने आज ई-मेल से पुलिस अधीक्षक पिथौरागढ़ को तहरीर भेज कर सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि मुकदमा दर्ज होने के बाद इस मामले में न्यायालय की शरण लेंगे। उन्होंने कहा कि सरकारी विद्यालयों की चिंता किसी को भी नहीं है। शिक्षा मंत्री कि कोई भी कार्य योजना सरकारी विद्यालयों में पाठ्य पुस्तकें समय से पहुंचने की ना होने के कारण इस प्रकार की अव्यवस्था सामने आ रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विद्यार्थी तथा अभिभावक सरकारी लापरवाही से तंग आ चुके है।उन्होंने स्पष्ट कहा कि जनता के टैक्स के पैसे से किताबें खरीदी जाती है, वह भी समय से नहीं मिल पाती है। उन्होंने इस मामले को राज्य उपभोक्ता फोरम में भी दर्ज करने की बात कही।


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