दो अक्टूबर को दिल्ली पुलिस की स्पेशल ने जिन तीन आतंकियों को गिरफ्तार कर देश के विरुद्ध बड़ी साजिश को नाकाम किया था। उनसे हल्द्वानी को भी खतरा था। दिल्ली पुलिस की अब तक की जांच से कुछ ऐसे तथ्य सामने आए हैं, जिनसे इस बात की आशंका बनी है। पुणे के जंगल में बम धमाके के परीक्षण की पुष्टि तो हो चुकी है।
साथ ही बताया जा रहा है कि इन्होंने हल्द्वानी में रेकी करने के साथ इस तरह का परीक्षण भी किया था। दिल्ली पुलिस इन दोनों बिंदुओं को तस्दीक करने में जुटी हे। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि हल्द्वानी की रेकी की वजह कहीं कोई नया ट्रेनिंग सेंटर खोलना तो नहीं था, जहां युवाओं को बरगलाया जाता है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दिल्ली, लखनऊ व मुरादाबाद से तीन संदिग्ध आतंकियों मोहम्मद शाहनवाज आलम, मोहम्मद रिजवान अशरफ और मोहम्मद अशरद वारसी को गिरफ्तार किया था। जो कि पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े हैं। इनसे पूछताछ में कई अहम बातें भी सामने आई। पता चला कि देश के कई हिस्सों में रेकी कर चुके हैं। इनके हल्द्वानी आने की बात भी सामने आई है। यहां बम परीक्षण करने की सत्यता का तो फिलहाल जांच टीम पता लगा रही है लेकिन यह तो तय है कि हल्द्वानी में भी इनकी मौजूदगी थी जो कि बेहद चिंताजनक है। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि यहां कब आए और किस जगह रहे। शहर से इनका कोई मजबूत कनेक्शन तो नहीं। वहीं, मामले को लेकर एसएसपी पीएन मीणा से बात करने पर उन्होंने कहा कि आधिकारिक तौर पर दिल्ली पुलिस ने उन्हें कोई जानकारी नहीं मिली। मीडिया के माध्यम से पता चला है। पुलिस अपने स्तर से इसे देख रही है। इस साल 14 जनवरी को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने खालिस्तानी टाइगर फोर्स से जुड़े संदिग्ध आतंकी जगजीत सिंह उर्फ जग्गा उर्फ याकूब उर्फ कप्तान व दूसरे आतंकी संगठन हरकत उल अंसार से जुड़े नौशाद अली को पकड़ा था। इनसे पूछताछ में हल्द्वानी जेल का कनेक्शन सामने आया था। पता चला कि दोनों लंबे समय तक इस जेल में साथ रहे थे। 56 साल का नौशाद मूल रूप से दरभंगा बिहार का रहने वाला था।