दिल्लीः पूरी दुनिया में इजरायल और अमेरिका की दोस्ती की मिसाल दी जाती है. लेकिन पिछले कुछ समय से इस दोस्ती में दरार पड़ती दिख रही है. अब इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक ऐसा कदम उठाया है, जिससे यह कड़वाहट और भी बढ़ सकती है.
इजरायल के पीएम ने उस शख्स को अपना नया मीडिया सलाहकार नियुक्त किया है, जिसने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की खुलेआम आलोचना की थी. इजरायली टीवी स्टेशन के साथ रह चुके जर्नलिस्ट गिलाड ज्विक (Gilad Zwick) ने ट्वीट कर बाइडेन को ‘अनफिट’ करार दिया था.
‘बाइडेन कर देंगे अमेरिका को बर्बाद’
ज्विक ने लिखा था कि वह अनफिट हैं और शासन करने में सक्षम नहीं हैं. वह ‘धीरे-धीरे ही सही लेकिन निश्चित तौर पर अमेरिका को बर्बाद कर देंगे’. उन्होंने यह भी पोस्ट की थी कि वह डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे का समर्थन करते हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि 2020 के चुनावों में धांधली हुई है.
हालांकि इनमें से कुछ ट्वीट बाद में उन्होंने डिलीट कर दिए. अब उन्होंने अपनी सफाई में कहा है कि जब उन्होंने बाइडेन के बारे में लिखा था, तो वह सरकार के साथ नहीं जुड़े थे. अब वह ऐसा नहीं सोचते हैं. वह नेतन्याहू के समर्थक अखबार ‘इजरायल हायोम’ में भी काम कर चुके हैं.
Meet Netanyahu's new media adviser:
– President Biden is "unfit" and "destroying America"
– The Russians & Iranians "know there's nobody home in the White House"
– The 2020 election was full of fraud, Trump is right to fight, "what is Dominion hiding?"https://t.co/DRH25ilpJk
— Amir Tibon אמיר תיבון (@amirtibon) June 5, 2023
आखिर क्यों नाराज है अमेरिका
अमेरिका और इजरायल की दोस्ती दशकों पुरानी है, फिर आखिर अब ऐसा क्या हो गया है? दरअसल नेत्नयाहू ने जब से फिर से देश की कमान संभाली है, तो ऐसे कई फैसले लिए हैं, जो अमेरिका को पसंद नहीं आए. नेतन्याहू सरकार ने देश की न्यायपालिका में बदलाव लाने की कोशिश की. इसका जोरदार विरोध हुआ. हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतरे और विरोध इतना ज्यादा उठा कि सरकार को अपने कदम पीछे खींचने पड़े.
इसके अलावा इस बार नेतन्याहू ने अपनी सरकार में कट्टर राष्ट्रवादी नेताओं को तवज्जो देना शुरू कर दिया है. पहले जो कट्टर नेता हाशिए पर थे, अब वो फलस्तीन और अन्य संवेदनशील मुद्दों से निपटने के लिए सीनियर पोजिशन पर हैं. ये बातें बाइडेन प्रशासन को पसंद नहीं आई हैं.
बाइडेन ने नहीं दिया नेतन्याहू का न्योता
इन सब चीजों के बीच दोनों देशों के बीच मतभेद उस समय खुलकर सामने आए, जब प्रधानमंत्री बनने के बाद नेतन्याहू को बाइडेन प्रशासन ने व्हाइट हाउस आने का न्योता नहीं दिया. जबकि यह एक परंपरा का हिस्सा रहा था. अमेरिका ने धार्मिक नेता बेजाजिल स्मोतरिच को रक्षा मंत्री बनाने का विरोध किया था. इसके दबाव में नेतन्याहू को झुकना पड़ा. हालांकि नेतन्याहू ने दोस्ती में दरार की खबरों को खारिज करते हुए कहा है कि यह रिश्ता टूट नहीं सकता.